प्यार की "आज़म"नहीं की बातें वो ज़ुबां का रोज़ ही तीखा रहा। प्यार की "आज़म"नहीं की बातें वो ज़ुबां का रोज़ ही तीखा रहा।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
जाते जाते कह रही जवानी "मैं तो वैसे भी चली जाऊंगी पर बचपन को कैसे निकालोगे?" जाते जाते कह रही जवानी "मैं तो वैसे भी चली जाऊंगी पर बचपन को कैसे निकालोग...
एक उठाए भाले, तीर ,कमान दूसरी तरफ तलवारों सहित हैं खड़े जवान एक उठाए भाले, तीर ,कमान दूसरी तरफ तलवारों सहित हैं खड़े जवान
उम्र की डोर से फिर एक मोती झड़ रहा है... उम्र की डोर से फिर एक मोती झड़ रहा है...
ना जाने क्यूँ एहसास हो रहा है मुझे कि शायद तुझे मेरी याद आई हो हाथों से अपने दिल को द ना जाने क्यूँ एहसास हो रहा है मुझे कि शायद तुझे मेरी याद आई हो हाथों से अपने...